Monday, August 25, 2014

Mix chat pat....

एक रात, चार कॉलेज विद्यार्थी देर तक
मस्ती करते रहे और
जब होश आया तो अगली सुबह होने
वाली परीक्षा का भूत
उनके सामने आकर खड़ा हो गया।
परीक्षा से बचने के लिए उन्होंने एक
योजना 😎 बनाई।
मैकेनिकों जैसे गंदे और फटे पुराने कपड़े पहनकर
वे प्रिंसिपल के
सामने जा खड़े हुए और उन्हें
अपनी दुर्दशा की जानकारी दी।
उन्होंने प्रिंसिपल को बताया कि कल रात वे
चारों एक दोस्त
की शादी में गए हुए थे। लौटते में
गाड़ी का टायर
पंक्चर
हो गया। किसी तरह धक्का लगा-लगाकर
गाड़ी को यहां तक
लाए हैं। इतनी थकान है
कि बैठना भी संभव
नहीं दिखता, पेपर
हल करना तो दूर की बात है।
यदि प्रिंसिपल साहब उन
चारों की परीक्षा आज के बजाय
किसी और दिन
ले लें
तो बड़ी मेहरबानी 😇 होगी।
प्रिंसिपल साहब बड़ी आसानी से मान
गए।
उन्होंने तीन दिन
बाद का समय दिया। विद्यार्थियों ने प्रिंसिपल
साहब
को धन्यवाद दिया और जाकर
परीक्षा की तैयारी में लग
गए।
तीन दिन बाद जब वे परीक्षा देने पहुंचे
तो प्रिंसिपल ने
बताया कि यह विशेष परीक्षा केवल उन चारों के
लिए
ही आयोजित की गई है।
चारों को अलग-अलग
कमरों में
बैठना होगा।
चारों विद्यार्थी अपने-अपने नियत कमरों में
जाकर बैठ गए।
जो प्रश्नपत्र उन्हें दिया गया उसमें केवल
एक ही प्रश्न था
गाड़ी का कौनसा टायर पंक्चर हुआ था ?
( १०० अंक )
अ. अगला बायां
ब. अगला दायां
स. पिछला बायां 😾
द. पिछला दाया
Fas gaye Saale....
Ab pata chala "Guru" akhir "Guru" hi hota hai....

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A beautiful poem

खवाहिश  नही  मुझे  मशहुर  होने  की।
आप  मुझे  पहचानते  हो  बस  इतना  ही  काफी  है।
अच्छे  ने  अच्छा  और  बुरे  ने  बुरा  जाना  मुझे।
क्यों  की  जीसकी  जीतनी  जरुरत  थी  उसने  उतना  ही  पहचाना  मुझे।
ज़िन्दगी  का  फ़लसफ़ा  भी   कितना  अजीब  है,
शामें  कटती  नहीं,  और  साल  गुज़रते  चले  जा  रहे  हैं....!!
एक  अजीब  सी  दौड़  है  ये  ज़िन्दगी,
जीत  जाओ  तो  कई  अपने  पीछे  छूट  जाते  हैं,
और  हार  जाओ  तो  अपने  ही  पीछे  छोड़  जाते  हैं।.

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🙈🙉🙊
👊Thought of the day👊
The only time you become important to your organisation is "When you ask for Leave" 😑
📝📩🆑

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