माता पिता के चरणों मेँ शत् शत् वंदन
हम कभी माता पिता का ऋण चुका सकते नहीं
इनके तो एहसान है इतने गिना सकते नहीं
ये कहाँ पूजा मे शक्ति ये कहाँ फल जाप का
हो तो हो इनकी कृपा से खातमा संताप का
इनकी सेवा से मिले धन ज्ञान बल लंबी उमर
स्वर्ग से बड़ कर है जग मे आसरा माँ बाप का
इनकी तुलना मेँ कोई वस्तु भी ला सकते नहीँ
हम कभी माता पिता का...
देख लेँ हमको दुखी तो भर लेँ अपने नयन ये
इक हमारे सुख की खातिर तडपते दिन रैन ये
भूख लगती प्यास न और नीँद भी आती नहीँ
कष्ट हो तन पे हमारे हो उठेँ बेचैन ये
इनसे बढ़कर देवता भी सुख दिला सकते नहीँ
हम कभी माता पिता का...
पढ़ लो वेद और शास्त्र का भी एक ये ही मर्म है
योग्यतम संतान का यह सबसे उत्तम कर्म है
जगत मेँ जब तक जियेँ सेवा करें माँ बाप की
इनके चरणों मेँ ये तन मन धन लुटाना धर्म है
यह पथिक वो सत्य है जिसको झूठा सकते नहीँ
हम कभी माता पिता का ऋण चुका सकते नहीँ
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