Friday, July 25, 2014

Market mein naya hey

निर्मल बाबा की जय हो । एक दिन बाबा दरबार में बैठे थे और भक्त अपनी दुखभरी कहानियाँ  सुनाकर बाबासे सलाह मांग रहे थे ।

पप्पू : " बाबा की जय हो । बाबा मुझे कोई रास्ता दिखाओ , मेरी शादी तय नहीं हो रही , आपकी शरण में आया हूँ ।"

निर्मल बाबा: " आप काम क्या करते हो ?"

पप्पू : " शादी होने के लिए कौनसा काम करना उचित रहेगा ? "

बाबा - " तुम मिठाई की दूकान खोल लो। "

पप्पू - " बाबा , वो तो ३० सालों से  खुली हुई है, मेरे पिताजी की मिठाई की ही दुकान है ।"

बाबा : " शनिवार को सुबह ९ बजे दुकान खोला करो ।"

पप्पू - "शनि मंदिर के बगल में ही मेरी दूकान है और मैं  रोज ९ बजे ही खोलता हूँ ।"

बाबा : " काले रंग के कुत्ते को मिठाई खिलाया करो ।"

पप्पू - " मेरे घर दो काले कुत्ते ही है, टोनी और बंटी . सुबह शाम मिठाई खिलाता हूँ ।"

बाबा : " सोमवार को शिवमंदिर जाया करो ।"

पप्पू - " मैं केवल सोमवार  ही नहीं , रोज शिवमंदिर जाता हूँ । दर्शन  के बगैर मैं  खाने को छूता तक नहीं ।"

बाबा : " कितने भाई बहन हो ?"

पप्पू - " बाबा आपके हिसाब से शादी तय होने के लिए कितने भाई बहन होने चाहिए ? "

बाबा - " दो भाई एक बहन होनी चाहिए । "

पप्पू - " बाबा , मेरे असल में दो भाई एक बहन ही है । प्रकाश, दीपक और मीना । "

बाबा : " दान किया करो ।"

पप्पू - "बाबा मैंने अनाथ आश्रम खोल रखा है, रोज दान करता हूँ ।"

बाबा : " एक बार बद्रीनाथ हो आओ ।"

पप्पू : " बाबा आप के हिसाब से शादी होने के लिए कितने बार बद्रीनाथ जाना जरुरी है ?"

बाबा: "जिंदगी में एक बार  हो आओ ।"

पप्पू : "मैं  तीन बार जा चूका हूँ  ।"

बाबा - "नीले रंग की शर्ट पहना करो ।"

पप्पू - "बाबा मेरे पास सिर्फ नीले रंग के ही कुर्ते है , कल सारे धोने के लिए दिए हैं , वापस मिलेंगे तो सिर्फ वही पहनूंगा!  "

बाबा शांत होकर जप करने लगते हैं  ।

पप्पू " बाबा , एक बात कहूँ  ?"

बाबा ; "हां जरूर, बोलो बेटा  जो बोलना है ।"

पप्पू : "मैं पहले से शादी शुदा हूँ ,
और तीन बच्चों  का बाप भी हूँ
इधर से गुजर रहा था ,
सोचा तुम्हे  उँगली करता चलूँ।"

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Sanyog- राजा दशरथ की 3 रानियां थी

Sakshi- तो क्या हुआ?

Sanyog- तो मै दो शादियां और कर सकता हूं

Sakshi- द्रोपदी का नाम सुना है..

Sanyog- तू भी ना पगली दिल पे ले लेती है.....

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