Wednesday, October 22, 2014

Chalo kuch nostalgia ho jaaye

चलो कुछ पुराने दोस्तों के
दरवाज़े खटखटाते हैं
देखते हैं उनके पँख थक चुके हैं.…
या अभी भी फड़फड़ाते हैं
वो बेतकल्लुफ़ होकर
किचेन में कॉफ़ी मग लिए बतियाते हैं
या ड्राइंग रूम में बैठा कर
टेबल पर नाश्ता सजाते हैं
हँसते हैं खिलखिलाकर
या होंठ बंद कर मुस्कुराते हैं
वो बता देतें हैं सारी आपबीती
या सिर्फ सक्सेस स्टोरी सुनाते हैं
हमारा चेहरा देख
वो अपनेपन से मुस्कुराते हैं
या घड़ी की और देखकर
हमें जाने का वक़्त बताते हैं
चलो कुछ पुराने दोस्तों के
दरवाज़े खटखटाते हैं
देखते हैं उनके पँख थक चुके हैं.…
या अभी भी फड़फड़ाते हैं ।।।
 
 
==============================
==============================
==============================
 
 
 Start your diwali.....by saying simple prayer 🙏
"हे.. मेरे.. 33 करोड़ देवी-देवताओं...
मुझे ज्यादा कुछ नहीं चाहिए...
बस आप सब एक-एक रुपया दे दो..।
☺😜
  
==============================
==============================
==============================
 कुम्हारन बैठी रोड़ किनारे,
लेकर दीये दो-चार।
जाने क्या होगा अबकी,
करती मन में विचार।।
याद करके आँख भर आई,
पिछली दीवाली त्योहार।
बिक न पाया आधा समान,
चढ गया सर पर उधार।।
सोंच रही है अबकी बार,
दूँगी सारे कर्ज उतार।
सजा रही है,
सारे दीये करीने से बार बार।।
पास से गुजरते लोगों को देखे कातर निहार।
बीत जाए न अबकी दीवाली जैसा पिछली बार।।
नम्र निवेदन मित्रों जनों से,
करता हुँ मैँ मनुहार।
मिट्टी के ही दीये जलाएँ,
दीवाली पर अबकी बार।।
दीपावली आप सभी को शुभ हो
  
==============================
==============================
==============================
 

No comments:

Post a Comment