Thursday, October 9, 2014

Kripaya dhyaan dein...

कृपया ध्यान दें:: अति महत्वपूर्ण सूचना::-
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आप सभी मित्रों को जानकारी दी जा रही है क़ि दिनांक 30 सितंबर 2014 से लगातार 6 अक्टूबर 2014 तक सभी बैंक बंद रहेंगे।। अतः आप सभी से अनुरोध है क़ि बैंक के सभी जरुरी कार्य आप 30 सितंबर के पहले-2 निपटा लें।।
30 सितंबर- अर्धवार्षिक लेखाबंदी
1 अक्टूबर- बैंक होलीडे
2 अक्टूबर- गांधी जयंती
3 अक्टूबर- दशहरा
4 अक्टूबर- सिर्फ 3 घंटे(आधे दिन) बैंक खुलेगा
5 अक्टूबर- रविवार
6 अक्टूबर- बकरीद
अतः जल्द से जल्द अपने बैंक के समस्त कार्य निपटा लें।। जनहित में सूचना शेयर करें।।
 
 
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 एक करोड़पति मर गया और स्वर्ग का दरवाजा खटखटाने लगा...
..
देव -- कौन हो तुम.....?
करोड़पति -- मैं धरती पर करोड़पति था..
।...
मुझे स्वर्ग में प्रवेश चाहिए..!
देव -- स्वर्ग में रहने लायक तुमने कौन सा काम किया है..?
करोड़पति -- एक बार मैंने भूखी भिखारिन को दो रूपये दिये थे..।
एक बार मेरी कार से टकराकर घायल हुए एक बच्चे को एक रूपया दिया था..
...
.देव -- और कुछ किया ?
करोड़पति -- और कुछ तो याद नही आता...
...
देव (दूसरे देव से ) भाई क्या करे इसका....?
दूसरा देव -- इसके तीन रूपये लौटाकर इसे नरक भेज दो. 
  
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 माता की आरती में आता है भालुओं
का झुंड..
हाथ जोड़कर करते हैं पूजा !!
बागबाहरा (महासमुंद, छत्तीसगढ़)
घुंचापाली स्थित चंडी मंदिर कौतूहल
का विषय बना हुआ है ।
यहां रोज शाम श्रद्धालुओं के साथ
आधा दर्जन भालू भी माता की आरती में
शामिल होने पहुंच रहे हैं ।
यह सिलसिला पिछले एक महीने से अनवरत
जारी है ।
भालुओं में चार शावक (भालू के बच्चे) भी हैं

इन भालुओं ने अभी तक किसी श्रद्धालु
को कोई क्षति तो नहीं पहुंचाई है, लेकिन
माता के प्रति लोगों में धार्मिक
आस्था को बढ़ाने का काम जरूर किया है

प्रसाद ग्रहण करने के बाद ही होती है
वापसी :
शाम छह बजे पहाड़ी से उतरने के बाद ये भालू
मंदिर परिसर में ही रहते हैं ।
आरती के समय दोनों हाथ जोड़कर खड़े होते
हैं ।
यह बात और है कि वे सब एक जगह खड़े होने
की बजाय बिखरे हुए होते हैं ।
जब तक आरती शुरू नहीं होती, तब तक मंदिर
परिसर में यहां-वहां बैठकर वे इंतजार करते हैं

आरती के बाद ये सब
माता की नौ परिक्रमा करते हैं ।
इसके बाद प्रसाद ग्रहण कर सभी वापस
पहाड़ी की ओर चले जाते हैं ।
-* जय माता दी *-
  
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