Wednesday, June 4, 2014

Kuch majedaar ho jaaye....

जिस नजाकत से...
ये लहरें मेरे पैरों को छूती हैं...
यकीन नहीं होता...
इन्होंने कभी कश्तियाँ डुबोई होंगी.

आसमान पर उड़ते हुऐ परिंदे से किसी ने पूछा -:
तुम्हें जमीन पर गिरने का डर नहीं.??
.
.
परिंदे ने मुस्कुराकर जवाब दिया-:
मैं इंसान नही
जो जरा सी बुलंदी पर जा कर
अकड़ जाऊँ...
मैं चाहे कितनी ही बुलंदी पर
क्यों ना चला जाऊँ
मेरी आंखे जमीन पर ही रहती हैं..!!
मुझे मालूम है, ऐसा कभी मुमकिन ही नहीं,
फ़िर भी हसरत रहती है कि तुम याद करोगे
जब लड़की भागने की धमकी दे तो माँ बाप को क्या करना चाहिए। उसका मुण्डन करवा दो 5_6-महीने तक भागना तो क्या घर से बाहर कदम भी नहीं रखेगी टकली
दोस्ती ज़िन्दगी का खूबशूरत लम्हा है,
जिसे मिल जाये तन्हाई में भी खुश,
जिसे न मिले भीड़ में भी अकेला.
अक़्ल ये कहती है, सयानों से बनाए रखना...!
दिल ये कहता है, दीवानों से बनाए रखना...!!

लोग टिकने नहीं देते हैं कभी चोटी पर...!
जान-पहचान ढलानों से बनाए रखना...!!

Nice Lines By Guljar Sahab
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पानी से तस्वीर कहा बनती है,
ख्वाबों से तकदीर कहा बनती है,
किसी भी रिश्ते को सच्चे दिल से निभाओ,
ये जिंदगी फिर वापस कहा मिलती है
कौन किस से चाहकर दूर होता है,
हर कोई अपने हालातों से मजबूर होता है,
हम तो बस इतना जानते है,
हर रिश्ता "मोती"और हर दोस्त "कोहिनूर" होता है।
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मैं बड़ो कि इज़्जत  इसलिए करता हूँ
क्यूंकि उनकी अच्छाइयां मुझसे ज़्यादा है
और
छोटो से प्यार इसलिए करता हूँ,
क्यूंकि उनके गुनाह मुझसे कम है!!
"श्रद्धा " ज्ञान देती है !
"नम्रता " मान देती है !
"योग्यता " स्थान देती है !
तीनों मिल जाएँ तो व्यक्ति को हर जगह " सम्मान " देती हैं

।। आज का दिन शुभ हो ।।
जो खानदानी रईस है वो, रखते है मिजाज़ नर्म अपना...
तुम्हारा लिहाज बता रहा है तुम्हारी दौलत नई नई है
सुकून मिलता है दो लफ्ज़ कागज पर उतारकर,
कह भी देता हूँ और आवाज भी नही होती.

समेट कर ले जा अपनी यादों के अधूरे किस्से.
ए दोस्त,
तेरी अगली चाहत में तुझे इनकी भी जरूरत होगी!!

खवाहिश नही मुझे मशहुर होने की ....
आप मुझे पहचानते हो बस इतना ही काफी है....

‬: बात वफाओँ की होती तो
कभी ना हारते हम..
खेल नसीबोँ का था
भला उसे कैसे हराते.!!

कुछ तो धड़कता है,
रूक रूक कर मेरे सीने में.
अब खुदा ही जाने,
तेरी याद है या मेरा दिल.
ना हम शैतान से हारे,,,ना हम हैवान से हारे,,,जीन्दगी में जो आया तूफान ,,,ना हम उस तूफान से हारे...यही सोच कर ऐ.दुश्मनहमने तेरी जान बख्शी है,,,शिकारी तो है मगर,,,हमने कभी कुत्ते नहीं मारे . .."
कलम हाथ मैं है बन्दूक की क्या जरुरत है
पड़ा लिखा हूँ सलिखे से खून करता हूँ।
◾▪ऐसा नहीं है कि दुःख बढ़ गए है....
बल्कि सच्चाई यह है कि सहनशीलता कम हो गयी है....
जिसको सहना आ गया ...
उसको रहना आ गया....
सुप्रभात.....🌞🌞
मेरी फितरत में नहीं है किसी से नाराज होना.....
नाराज वो होते हैं जिन को अपने आप पे गुरूर होता है.....!!!!

दोस्त और बीवी को कभी
विश्वास दिलाने की जरुरत नहीं
होती।
क्योंकि दोस्त कभी शक़ नहीं
करेगा, और बीवी कभी यकीन
नहीं करेगी। 


अच्छे दिन खत्म हो गए। बीबियाँ मायके से वापिस आने लगी हैं।

नमकीन, मिक्सचर, भुजिया... ये सब बचपन के नाम
थे, जवानी में इन चीजो को हम बस
एक नाम से जानते हैं : "खार मंजन "

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