Tuesday, December 2, 2014

Bas doggy are good...

यदि कबीर जिन्दा होते तो आजकल के दोहे यह होते :-
🔹पानी आँखों का मरा, मरी शर्म और लाज !
कहे बहू अब सास से, घर में मेरा राज !!
🔹भाई भी करता नहीं, भाई पर विश्वास !
बहन पराई हो गयी, साली खासमखास !!
🔹मंदिर में पूजा करें, घर में करें कलेश !
बापू तो बोझा लगे, पत्थर लगे गणेश !!
🔹बचे कहाँ अब शेष हैं, दया, धरम, ईमान !
पत्थर के भगवान हैं, पत्थर दिल इंसान !!
🔹पत्थर के भगवान को, लगते छप्पन भोग !
मर जाते फुटपाथ पर, भूखे, प्यासे लोग !!
🔹फैला है पाखंड का, अन्धकार सब ओर !
पापी करते जागरण, मचा-मचा कर शोर !!
🔹पहन मुखौटा धरम का, करते दिन भर पाप!
भंडारे करते फिरें, घर में भूखा बाप !!
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तूने तो रुला के रख दिया
ए- जिन्दगी
जाकर पूछ मेरी माँ से
कितने लाडले थे हम
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इंस्पेक्टर साहब, कब मिलेंगे हमारे ग्रुप के एड्मिन?
आज चार दिन हो गए हैं....
इंस्पेक्टर: मिलेंगे मिलेंगे, जल्द ही मिल जायेंगे.
देखिये, कल ही हमें हाईवे के पास से उनके मोज़े मिले हैं,
वो हमने अपने खोजी कुत्ते को सुंघाए हैं....

बस कुत्ते के होश में आते ही हम खोज शुरू कर देंगे..... 
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